शौचालयों पर करोड़ों खर्च, पर लटके रहती है ताले

स्वच्छ स्वच्छ भारत योजना के कार्यों पर प्रश्न चिन्ह

देवरी कला। पूरे देश में स्वच्छता के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च करके शौचालयों का निर्माण कराया गया लेकिन ए सभी शौचालय शोपीस साबित हो रहे हैं।
उदाहरण के लिए नेशनल हाईवे 44 पर तीतर पानी एवं चितौरा टोल प्लाजा पर निर्मित कराए गए सार्वजनिक शौचालय पर ताला लगा रहता है यहां यात्रियों को कभी भी शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है। जबकि नेशनल हाईवे 44 पर सबसे अधिक यातायात होता है हजारों की संख्या में वाहन निकलते हैं जिसमें टोल प्लाजा पर शौचालय की सुविधा का उपयोग करना चाहते हैं लेकिन यहां हमेशा ताला लगा रहता है जिससे इसके औचित्य पर सवाल खड़ा होना लाजमी है।
यही नहीं ग्राम पंचायत क्षेत्रों में पिछले 2 साल के दौरान बनाए गए सार्वजनिक शौचालय का भी यही हाल है एक भी शौचालय जनता के लिए नहीं खोला गया है अधिकांश शौचालयों में ताले लटके रहते हैं।
यही हाल शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में बने शौचालय का भी यही हाल है देवरी क्षेत्र में 80 प्रतिशत स्कूलों में बने शौचालयों में ताले लटके रहते हैं वहीं अधिकांश शौचालय बनने के बाद नष्ट हो गए हैं।

देवरी नगर पालिका क्षेत्र में भी सार्वजनिक शौचालयों के यही हाल हैं नगर पालिका द्वारा जिन शौचालयों को बनाया गया है वहां कोई सुविधाएं नहीं है शौचालय में गंदगी का आलम बना रहता है।

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