देवरी कला। ग्राम बेलढाना में पिछले 300 सालों से बेरीसाल दादा के दरबार में ग्यारस के दिन मेला भरता है। जहां देवरी क्षेत्र के अलावा प्रदेश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। यहां मान्यता है कि बेरीसाल दादा लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इसके बाद यहां बारी लगाई जाती हैं और महिलाएं पुरुष सरे में भरते हुए एवं महिलाएं अपने सर पर जवारे लेकर अपने दीवालो से बेरी साल दादा के दरबार में धूमधाम के साथ पहुंचते हैं।
मेले में हर साल लोक नृत्य राई का भी आयोजन होता है। जो देर रात्रि तक चलता रहता है ।
इसके अलावा यहां भंडारे का आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों की संख्या में लोग भोजन प्रसादी पाते हैं।
मंदिर के पुजारी शिवदयाल लोधी ने बताया कि करीब 300 साल से अधिक समय से वेरीसाल दादा के यहां मेला भरने की परंपरा है। जिन श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है वह यहां बारि चढ़ाने आते हैं और राई नृत्य एवं भंडारे का आयोजन भी करते हैं। मेले में बड़ी संख्या में दुकानदार और मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध रहते हैं जहां देवरी क्षेत्र की से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं और मेले का लुफ्त उठाते हैं।
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