डीबीटी बनी मुसीबत, लाडली बहना है बैंकों में परेशान

कलेक्टर के निर्देश के बाद भी बैंकों मे महिलाओं के नहीं हो रहे काम

डीवीटी बनी मुसीबत, महिलाएं परेशान
देवरी कला। मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के तहत 10 जून से महिलाओं के खाते में ₹1000 डालने की घोषणा के बाद महिलाएं dBT कराने के लिए
इस भीषण गर्मी में बैंक के चक्कर लगाते लगाते परेशान हो गए हैं।
देवरी क्षेत्र के तमाम बैंकों में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और उनके परिजन सुबह 10 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक बैंकों में डीवीटी की लाइन में देखे जा सकते हैं। महिलाओं के लिए लाडली बहना योजना का लाभ पाने के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना मुसीबत बन गई है बैंक अधिकारियों की मनमानी के कारण तीन और चार दिन चक्कर लगाने के बाद भी महिलाओं के डीवीटी नहीं हो पा रहे हैं।
बड़ी संख्या में महिलाएं अपने छोटे-छोटे दूध मही बच्चों को लेकर बैंकों में लगी लंबी कतारों में धक्का-मुक्की खाते हुए देखी जा सकती हैं। जबकि कलेक्टर दीपक आर्य ने पिछले दिनों बैंकों का निरीक्षण किया था और डीबीटी कार्य प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए थे राजस्व अधिकारियों की भी ड्यूटी लगाई थी लेकिन सोमवार को बैंकों में कोई भी राजस्व अधिकारी नहीं पहुंचा था डीबीटी कार्य के लिए दूरदराज गांव से आई महिलाएं भीषण गर्मी में परेशान होती रही यहां तक कि बैंकों में पीने के पानी का भी कोई इंतजाम नहीं था।
भारतीय स्टेट बैंक एवं बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा देवरी में सैकड़ों की संख्या में देवरी गौरझामर महाराजपुर से महिलाएं पहुंची थी लेकिन 3 दिन चक्कर काटने के बाद भी उनके डीवीटी फॉर्म जमा नहीं हो पाए। ग्राम सर खेड़ा से आई लक्ष्मी पति भोजराज ठाकुर ने बताया कि वह 3 दिन से स्टेट बैंक देवरी पहुंच रहे हैं लेकिन उनके फार्म जमा नहीं हो पाए इसी तरह ग्राम बिजोरा खामखेड़ा से आई गुलाब रानी का कहना है कि भारतीय स्टेट बैंक की देवरी शाखा में उनका बैंक खाता आधार से लिंक नहीं हो पा रहा है बैंक में कोई काम नहीं हो रहा है जिससे वह परेशान हैं इसी तरह ग्राम खामखेड़ा से आई राखी पति हाकम रैकवार ने बताया कि डीवीटी के लिए तीन बार बैंक आ चुके हैं लेकिन उनके फार्म नहीं लिए गए वही बार-बार आने जाने में ₹1000 से ज्यादा खर्च हो चुके हैं और भीषण गर्मी में धक्का-मुक्की के शिकार हो रहे हैं बैंक में पीने के पानी का भी इंतजाम नहीं है

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*